Rent Agreement Rules: बदल चुके हैं रेंट एग्रीमेंट के नियम, अब यूँ हीं नहीं मिलेगा किराये पर मकान

0
4
Rent Agreement Rules
Rent Agreement Rules

Rent Agreement Rules : देश में सब चीजों को लेकर अलग कानून बनाये गये हैं, मकान किराये से देना, मकान किराये पर लेना सब कुछ को लेकर कानून बनाये गये हैं. देश में मकान किराये पर देना या रेंट एग्रीमेंट करना बिलकुल भी आसान नहीं है। एग्रीमेंट तैयार करवाते समय मकान मालिक को कुछ बातें ध्यान में रखनी होती हैं। नहीं तो भविष्य में उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

कई बार अनजाने में मकान मालिक या रेंटर्स कुछ गलतियाँ कर बैठते हैं जिसकी जानकारी भी उन्हें नहीं होती है. ऐसे में आवश्यक है कि इससे जुड़े नियमों कि जानकारी पहले ही रख लें.

कुछ गलतियां ऐसी हो जाती है, जिनसे लोगों को बचना चाहिए. क्योंकि अगर कुछ भी गलत होता है तो इसके लिए जिम्मेदार मकान मालिक ही होगा. ऐसे में हम आपको कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट्स बताने जा रहें हैं जो कि आपके लिए जानना आवश्यक है.

Also Read: Gold Rate: सोना हुआ इतना सस्ता, कि लोगों में लगी पहले मैं-पहले मैं कि होड़

रेंड एग्रीमेंट करते समय इन बातों का ध्यान रखें

किरायेदार के बारे में जानकरी ले  

हमेशा अपने घर को किराये पर देने से पूर्व संभावित किरायेदार के बैकग्राउंड के बारे में पूरी जानकारी मांगे, उसके बाद उसकी जाँच करें कि दी गयी जानकारी सही है या नहीं. यह काम हर मकान मालिक को पनी सुरक्षा के लिए अनिवार्य रूप से करना ही होगा.

मकान को मरम्मत कराएँ

अगर आपने अपने मकान को किराये पर दिया है तो यह आवश्यक है कि अगर मकान को मरम्मत कि जरूरत है तो उसकी मरम्मत कराएं और अपनी सम्पति को मेंटेन कर रखें.

इसके अलावा अगर किरायेदार को ऐसा लगता है कि घर को मरम्मत कि जरूरत है तो उसे मकान मालिक से संपर्क करना चाहिए और उन्हें इस बारे में सूचना देनी चाहिए.

Also Read: सावधान! अगर आपने अपने Aadhar Card में अब तक नहीं किया है ये काम तो जल्दी करें, नहीं तो पड़ेगा पछताना

पट्टे कि अवधि

किराये के समझौते में हमेशा पट्टे की अवधि निर्दिष्ट करें और वहां कोई भी गलती मकान मालिक के लिए परेशानी कि बड़ी वजह बन सकती है।

टर्मिनेशन और नोटिस

किराये का एग्रीमेंट तैयार करते समय, हमेशा टर्मिनेशन क्लॉज और नोटिस अवधि निर्दिष्ट करें। इससे भविष्य में आने वाली परेशानियां कुछ आसान हो जाएंगी।

लॉक-इन क्लॉज

आपको बता दे किराये के एग्रीमेंट में लॉक-इन क्लॉज का उल्लेख करना काफी आवश्यक है जिसमें यह कहा गया हो कि ‘किरायेदार एक विशिष्ट अवधि से पहले संपत्ति नहीं छोड़ सकता है। यदि किरायेदार छोड़ देता है, तो व्यक्ति को लॉक-इन अवधि के दौरान किराए का भुगतान करना होगा।’

पेमेंट

किराये के एग्रीमेंट में किराए की राशि, बाद की वेतन वृद्धि, भुगतान समय और कैसे पेमेंट करेंगे, इस बारे में स्प्ष्ट रूप से जानकारी होनी चाहिये ताकि भविष्य में पेमेंट को लेकर किसी प्रकार कि कोई चिक-चिक न हो.

अगर किरायेदार समय से नहीं चूका पता किराया

किराये के एग्रीमेंट में इस बात का उल्लेख भी होना चाहिए कि यदि किरायेदार समय पर किराया नहीं चुका पाता है तो एग्रीमेंट उससे जुड़ें जुर्माने या अन्य बातों कि जानकारी होनी ही चाहिए. इसके अलावा इसके बारे में किरायेदार को भो पूरी जानकारी होनी चाहिए.