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PNB, ICICI और BOI के ग्राहकों को लगा बड़ा झटका, अब ज्यादा भरनी पड़ेगी EMI

Anjali Kumari
4 Min Read
Home Loan Interest Rates Hike

Home Loan Interest Rates Hike: देश के प्रमुख बैंकों ने अपने ग्राहकों को एक बड़ा झटका दिया. देश के कई बड़े बैंकों ने लोन की दरों में बढ़ोतरी कर दी है. पंजाब नेशनल बैंक, आईसीआईसीआई और बैंक ऑफ इंडिया ने होम लोन समेत सभी तरह के लोन को महंगा कर दिया है. बैंकों द्वारा किये गये इस बदलाव के बाद लोगों कि EMI बढ़ जाएगी. इन तीनों बैंकों ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में  इजाफा किया है. बता दें होम लोन और ऑटो लोन समेत ज्यादातर कंज्यूमर लोन इसी एमसीएलआर से जुड़े होते हैं.

बैंकों वेबसाइटों के अनुसार, नई ब्याज दरें एक अगस्त से प्रभावी हो चुकी हैं.

ICICI Bank ने कितनी कि बढ़ोतरी

आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) ने सभी अवधि के लोन के लिए MCLR में 5 बेसिस प्वाइंट (BPS) की बढ़ोतरी की है.  एक महीने की एमसीएलआर दर 8.35 फीसदी से बढ़कर 8.40 फीसदी हो गई है। आईसीआईसीआई बैंक में तीन महीने, छह महीने की एमसीएलआर क्रमशः 8.45 प्रतिशत और 8.80 प्रतिशत तक बढ़ गई। एक साल की एमसीएलआर को 8.85 फीसदी से संशोधित कर 8.90 फीसदी कर दिया गया है।

बैंक ऑफ इंडिया ने बढ़ा दी MCLR

बैंक ऑफ इंडिया ने एमसीएलआर में संशोधन करते हुए चुनिंदा अवधि पर दरें बढ़ा दी हैं। ओवरनाइट टेन्योर के लिए एमसीएलआर 7.95 फीसदी, एक महीने के लिए 8.15 फीसदी तय कि है। तीन महीने, छह महीने की एमसीएलआर दर क्रमशः 8.30 प्रतिशत और 8.50 प्रतिशत निर्धारित कि गयी है। वहीं, एक साल के लिए एमसीएलआर 8.70 फीसदी और तीन साल के लिए 8.90 फीसदी तय की गई है।

PNB ने किया इतना इजाफा

पंजाब नेशनल बैंक (PNB) की बात करें तो ओवरनाइट एमसीएलआर 8.10 फीसदी कर दी गयी है। एक महीने के टेन्योर के लिए बैंक ने MCLR को 8.20 फीसदी निर्धारित किया है। वहीं, तीन महीने, छह महीने का एमसीएलआर क्रमशः 8.30 प्रतिशत और 8.50 प्रतिशत हो चुकी है। एक साल के लिए एमसीएलआर अब 8.60 फीसदी है और तीन साल के लिए 8.90 फीसदी है।

एमसीएलआर क्या है

MCLR वह मूल न्यूनतम दर होती है, जिसके आधार पर बैंक ग्राहकों को लोन देते हैं। अलग-अलग तरह के लोन की ब्याज दरों को तय करने के उद्देश्य से आरबीआई ने 2016 में एमसीएलआर की स्थापना की थी। इसमें यदि बैंक किसी भी प्रकार का बदलाव करता है तो लोन की लागत यानी ब्याज दर भी प्रभावित होती है।

दुसरे शब्दों में कहें तो मार्जिनल कॉस्ट लेंडिंग रेट्स या एमसीएलआर को RBI लागू करता है जो एक बेंचमार्क होता है, जिसके बेसिस पर सारे बैंक लोन के लिए अपनी ब्याज दरें तय करते है. वहीँ Repo Rate वह दर होती है जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है.

आरबीआई की ओर से रेपो रेट के कम होने से बैंको को कर्ज सस्ता मिलता है और वे एमसीएलआर में कटौती कर लोन की EMI घटा देते हैं. वहीं जब रेपो रेट में बढ़ोतरी होती है, तो  बैंकों को कर्ज आरबीआई से महंगा मिलता है, जिसके चलते उन्हें एमसीएलआर में बढ़ोतरी करनी पडती है जिसके चलते ग्राहकों का  बोझ बढ़ जाता है.

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Anjali Kumari is an accomplished gadget and entertainment journalist, with a successful four-year track record. Known for her insightful content, and adhering to Google's Expertise, Authoritativeness, and Trustworthiness (E-A-T) policy, Anjali has made a name for herself in the journalism industry. Her work illuminates complex trends in the gadget and entertainment sectors, offering her readers valuable insights. An award-winning journalist, she has been recognized for her dedication and professionalism in her craft. Anjali holds a journalism degree from a renowned university, an educational background that has honed her ability to convey intricate concepts in a comprehensible, engaging manner. Through her work, Anjali effectively bridges the gap between complex technology and her audience, reflecting her passion for knowledge dissemination and commitment to upholding the standards of journalism.