बैंकों वेबसाइटों के अनुसार, नई ब्याज दरें एक अगस्त से प्रभावी हो चुकी हैं.
ICICI Bank ने कितनी कि बढ़ोतरी
आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) ने सभी अवधि के लोन के लिए MCLR में 5 बेसिस प्वाइंट (BPS) की बढ़ोतरी की है. एक महीने की एमसीएलआर दर 8.35 फीसदी से बढ़कर 8.40 फीसदी हो गई है। आईसीआईसीआई बैंक में तीन महीने, छह महीने की एमसीएलआर क्रमशः 8.45 प्रतिशत और 8.80 प्रतिशत तक बढ़ गई। एक साल की एमसीएलआर को 8.85 फीसदी से संशोधित कर 8.90 फीसदी कर दिया गया है।
बैंक ऑफ इंडिया ने बढ़ा दी MCLR
बैंक ऑफ इंडिया ने एमसीएलआर में संशोधन करते हुए चुनिंदा अवधि पर दरें बढ़ा दी हैं। ओवरनाइट टेन्योर के लिए एमसीएलआर 7.95 फीसदी, एक महीने के लिए 8.15 फीसदी तय कि है। तीन महीने, छह महीने की एमसीएलआर दर क्रमशः 8.30 प्रतिशत और 8.50 प्रतिशत निर्धारित कि गयी है। वहीं, एक साल के लिए एमसीएलआर 8.70 फीसदी और तीन साल के लिए 8.90 फीसदी तय की गई है।
PNB ने किया इतना इजाफा
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) की बात करें तो ओवरनाइट एमसीएलआर 8.10 फीसदी कर दी गयी है। एक महीने के टेन्योर के लिए बैंक ने MCLR को 8.20 फीसदी निर्धारित किया है। वहीं, तीन महीने, छह महीने का एमसीएलआर क्रमशः 8.30 प्रतिशत और 8.50 प्रतिशत हो चुकी है। एक साल के लिए एमसीएलआर अब 8.60 फीसदी है और तीन साल के लिए 8.90 फीसदी है।
एमसीएलआर क्या है
MCLR वह मूल न्यूनतम दर होती है, जिसके आधार पर बैंक ग्राहकों को लोन देते हैं। अलग-अलग तरह के लोन की ब्याज दरों को तय करने के उद्देश्य से आरबीआई ने 2016 में एमसीएलआर की स्थापना की थी। इसमें यदि बैंक किसी भी प्रकार का बदलाव करता है तो लोन की लागत यानी ब्याज दर भी प्रभावित होती है।
दुसरे शब्दों में कहें तो मार्जिनल कॉस्ट लेंडिंग रेट्स या एमसीएलआर को RBI लागू करता है जो एक बेंचमार्क होता है, जिसके बेसिस पर सारे बैंक लोन के लिए अपनी ब्याज दरें तय करते है. वहीँ Repo Rate वह दर होती है जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है.
आरबीआई की ओर से रेपो रेट के कम होने से बैंको को कर्ज सस्ता मिलता है और वे एमसीएलआर में कटौती कर लोन की EMI घटा देते हैं. वहीं जब रेपो रेट में बढ़ोतरी होती है, तो बैंकों को कर्ज आरबीआई से महंगा मिलता है, जिसके चलते उन्हें एमसीएलआर में बढ़ोतरी करनी पडती है जिसके चलते ग्राहकों का बोझ बढ़ जाता है.