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Pini village:  सावन में कपड़े नहीं पहनती इस गाँव कि औरतें, कारण जान लगेगा झटका

Anjali Kumari
5 Min Read
Pini village

Pini village India: अलग अलग देशों की अलग अलग परम्पराए होती है. लेकिन दुनिया के कई हिस्सों में ऐसी अजीबो-गरीब परम्पराएं भी देखने को मिलती हैं जो हमे हैरान कर देती हैं। ऐसी कई परम्पराएं भी देखनी पड़ी है जिनके लिए महिलाओं को मजबूर होना पड़ता है और मजबूरन तमाम अजब गजब परंपराओं का पालन करना पड़ता है। इसी कड़ी में भारत का एक गांव जहा अजीबोगरीब परंपरा है आप सुन कर हैरान रह जाएंगे. इस परम्परा के अनुसार यहाँ पर महिलाओं को सावन के महीने में पांच दिन तक बिना कपड़ों के ही रहना पड़ता है।

जी हाँ यह ऐसी परंपरा है जिसे लंबे समय से निभाया जा रहा है और इस दौरान गांव की सभी महिलाएं ऐसा ही करती हैं। यह सुनने में थोडा अजीब लगता है कि आखिर कोई महिला बिना कपड़ों के क्यों रहेगी, लेकिन यह पूरी तरह से सच है. यह एक परम्परा है जिसका पालन करना अनिवार्य होता है, भले उनका मन हो या न हो.

महिलाऐं नहीं पहनती कपड़ें

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो हिमाचल प्रदेश में स्थित पिणी गांव में हर साल सावन के महीने में यहां की महिलाएं पांच दिनों तक कपड़े नहीं पहनती हैं। ऐसा अगर किसी भी महिला ने यहाँ की इस परम्परा को अपनाने से इंकार कर दिया तो उसे कुछ ही दिनों में कोई बुरी खबर सुनने को मिल जाती है। इतना ही नहीं इस दौरान पूरे गांव में कोई भी पति-पत्नी आपस में बातचीत भी नहीं करते हैं और एक दूसरे से पूरी तरह से दूर रहते हैं।

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पुरुषों के लिए भी है नियम

वहीं महिला ही नहीं इस परम्परा के अनुसार इन पांच दिनों के दौरान पुरुषों के लिए भी कुछ नियम बनाए गए हैं। ऐसे में सावन के इन पांच दिनों में पुरुष शराब और मांस का सेवन नहीं कर सकते हैं। गांव वालों की ऐसी मान्यता है कि किसी ने यदि भी इस पंरपरा को सही से नहीं निभाया तो देवता नाराज हो जाएंगे और उसका नुकसान कर देंगे। आपको बता दे इस परंपरा के पीछे एक कहानी है इसे आप सुनकर चौंक जाएंगे।

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इसके पीछे की कहानी

दरअसल इसकी पीछे की कहानी की बात करें तो बहुत समय पहले इस गांव में राक्षसों का आतंक हुआ करता था। जिसके बाद इसके बाद एक देवता पिणी गांव में आए जिनका नाम था ‘लाहुआ घोंड’, ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने राक्षस का वध कर गांव की रक्षा की और लोगों को बचाया। ये सभी राक्षस गांव की सजी-धजी और सुंदर कपड़े पहनने वाली शादीशुदा महिलाओं को उठा ले जाते थे। देवताओं ने राक्षसों का वध करके महिलाओं को इससे बचाया। इसके बाद इस गाँव में सदियों से यह परंपरा चली आ रही है और यहाँ के लोग बड़ी मान्यता के साथ इसका पालन करते हैं।

पति-पत्‍नी के मुस्‍कराने पर भी रहती है पाबंदी

सावन के इन पांच दिनों के दौरान गाँव के पति और पत्‍नी एक दूसरे को देखकर मुस्‍करा तक नहीं सकते हैं. परंपरा के अनुसार,  दोनों पर इस बात पर भी पाबंदी लागू रहती है. वहीँ महिलाओं को इस दौरान बस एक वस्‍त्र पहनने की अनुमति होती है. इस परंपरा को मानने वाली पिणी गांव की महिलाएं ऊन से बना एक पटका इस्‍तेमाल कर सकती हैं. पिणी गांव के लोग इस दौरान किसी भी बाहरी लोगों  को गांव में प्रवेश की अनुमति नहीं होती हैं. अन्य लोग उनके इस खास त्‍योहार में भाग भी नहीं ले सकते हैं.

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Anjali Kumari is an accomplished gadget and entertainment journalist, with a successful four-year track record. Known for her insightful content, and adhering to Google's Expertise, Authoritativeness, and Trustworthiness (E-A-T) policy, Anjali has made a name for herself in the journalism industry. Her work illuminates complex trends in the gadget and entertainment sectors, offering her readers valuable insights. An award-winning journalist, she has been recognized for her dedication and professionalism in her craft. Anjali holds a journalism degree from a renowned university, an educational background that has honed her ability to convey intricate concepts in a comprehensible, engaging manner. Through her work, Anjali effectively bridges the gap between complex technology and her audience, reflecting her passion for knowledge dissemination and commitment to upholding the standards of journalism.