Yemen: यमन में केरल की नर्स निमिषा प्रिया को फांसी, परिवार को बड़ा झटका

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Nimisha Priya
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Yemen: यमन में 2017 से जेल की सजा काट रही भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को फांसी की सजा दी जाएगी। यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने सजा पर अपनी मंजूरी दे दी है। न तो ब्लड मनी पर बात बनी, न ही माफी मिल सकी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फांसी की सजा एक महीने के भीतर पूरी की जा सकती है।

क्या है मामला?

नर्स निमिषा प्रिया पर यमन के नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या का आरोप है। 2018 में ट्रायल कोर्ट ने उन्हें मौत की सजा सुनाई थी। परिवार ने सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक अपील की, लेकिन 2023 में वह भी खारिज हो गई। अब राष्ट्रपति ने भी उनकी अपील ठुकरा दी है।

परिवार की कोशिशें

निमिषा की मां प्रेमा कुमारी ने बेटी को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया। वे यमन की राजधानी सना जाकर पीड़ित परिवार और उनके आदिवासी नेताओं से ब्लड मनी पर समझौते की कोशिश करती रहीं। लेकिन बातचीत सफल नहीं हो सकी।

ब्लड मनी पर क्यों नहीं बनी बात?

ब्लड मनी को लेकर शुरुआती बातचीत भारतीय दूतावास के नियुक्त वकील अब्दुल्ला अमीर के जरिए हुई थी। लेकिन उन्होंने बातचीत शुरू करने से पहले 40,000 डॉलर की मांग की, जिसे दो किस्तों में देना था। हालांकि, पहली किस्त क्राउडफंडिंग के जरिए जुटाई गई, लेकिन फंड के इस्तेमाल को लेकर पारदर्शिता की दिक्कतें आ गईं। इसके चलते बातचीत आगे नहीं बढ़ सकी।

भारत सरकार का बयान

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि सरकार नर्स प्रिया के परिवार को हर संभव मदद दे रही है। लेकिन यमन के राष्ट्रपति के फैसले से परिवार को बड़ा झटका लगा है।

कौन हैं निमिषा प्रिया?

निमिषा प्रिया केरल के पलक्कड़ की रहने वाली एक नर्स हैं, जिन्होंने कुछ साल यमन के प्राइवेट अस्पतालों में काम किया। 2014 में उनके पति और नाबालिग बेटी आर्थिक दिक्कतों की वजह से भारत लौट आए। उसी साल यमन में गृह युद्ध शुरू हो गया, जिससे नए वीजा जारी होने बंद हो गए और उनका परिवार यमन वापस नहीं आ सका।

कैसे उलझी कानूनी मुश्किलों में?

2015 में, निमिषा ने यमन की राजधानी सना में क्लिनिक खोलने के लिए तलाल अब्दो महदी नाम के यमनी नागरिक से मदद मांगी। यमन के कानून के मुताबिक, सिर्फ स्थानीय नागरिकों को ही क्लिनिक और व्यवसाय खोलने की इजाजत होती है। हालांकि, दोनों के बीच विवाद हो गया।

निमिषा के परिवार का आरोप है कि तलाल ने क्लिनिक के फंड में हेराफेरी की और निमिषा का पासपोर्ट जब्त कर लिया। इतना ही नहीं, उसने निमिषा की शादी की तस्वीरें चुरा लीं और उनमें हेरफेर कर शादी का दावा करने लगा।

हत्या का आरोप कैसे लगा?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, निमिषा ने तलाल से अपना पासपोर्ट वापस लेने के लिए उसे बेहोशी का इंजेक्शन लगाया। लेकिन दवा की खुराक ज्यादा हो गई, जिससे तलाल की मौत हो गई। यमन से भागने की कोशिश के दौरान निमिषा को गिरफ्तार कर लिया गया।

सजा और अपील की कहानी

2018 में निमिषा को हत्या का दोषी ठहराया गया और 2020 में उन्हें मौत की सजा सुनाई गई। उनकी अपील 2023 में यमन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने खारिज कर दी। इसके बाद उनका आखिरी विकल्प ब्लड मनी का था, लेकिन वह कोशिश भी सफल नहीं हो सकी।

अब क्या होगा?

यमन के राष्ट्रपति ने उनकी मौत की सजा को मंजूरी दे दी है, जिससे अब उनकी फांसी की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। यह मामला कानूनी और मानवीय स्तर पर काफी गंभीर बन गया है।