Air India: नए साल के जश्न में हर कोई खुश होता है, लेकिन इतिहास में ऐसा ही एक दिन गमगीन भी है। 1 जनवरी, 1978 को एयर इंडिया का विमान ‘सम्राट अशोक’ मुंबई से उड़ान भरते ही हादसे का शिकार हो गया। यह बोइंग 747 विमान 213 लोगों को लेकर उड़ान पर था, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण उड़ान के 101 सेकंड बाद ही अरब सागर में गिर गया।
मुंबई से दुबई जा रही थी फ्लाइट
यह विमान मुंबई के सांताक्रूज एयरपोर्ट (अब छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट) से दुबई के लिए निकला था। उड़ान के दौरान विमान बाईं ओर झुकने लगा, और पायलट को ऊंचाई का सही अंदाजा नहीं लग पाया। इसके चलते विमान तेजी से नीचे गिरा और समंदर में समा गया। हादसे में 190 यात्री और 23 क्रू मेंबर्स सहित सभी की जान चली गई।
हादसे के बाद क्या हुआ?
शुरुआत में आशंका जताई गई कि यह कोई साजिश हो सकती है। लेकिन बाद में जब विमान के मलबे की जांच की गई, तो यह साफ हुआ कि यह महज एक दुर्घटना थी। हादसे के बाद कई दिनों तक अरब सागर में मलबा ढूंढने का काम चला।
सम्राट अशोक: एक खास विमान
यह बोइंग 747-237B विमान 1971 में बनाया गया था और इसे ‘सम्राट अशोक’ नाम दिया गया था। इस फ्लाइट के कैप्टन मदन लाल कुकर थे, जो उस वक्त 51 साल के अनुभवी पायलट थे। उनके साथ 43 वर्षीय इंदु विरमानी बतौर फर्स्ट ऑफिसर काम कर रही थीं।
जांच में क्या निकला?
जांच में किसी भी तरह के विस्फोट के सबूत नहीं मिले। यह पूरी तरह से तकनीकी और मानवीय भूल का नतीजा था। यह हादसा भारतीय एविएशन के इतिहास में सबसे दर्दनाक घटनाओं में से एक माना जाता है।
1 जनवरी का यह दिन हर साल उन यात्रियों और उनके परिवारों के लिए याद किया जाता है, जिनकी इस हादसे में जान चली गई।