Bahrain: 42 साल बाद बहरीन से लौटे भारतीय प्रवासी, 95 साल की मां से हुआ मिलन

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Bahrain: 64 साल के गोपालन चंद्रन आखिरकार 42 साल बाद बहरीन से वापस अपने घर लौट आए। केरल के पोडिकोनम गांव के रहने वाले चंद्रन की अपनी 95 साल की मां से मुलाकात बहुत ही भावुक रही। एक ऐसा पल जिसका इंतज़ार उन्होंने दशकों तक किया। चंद्रन 1983 में बेहतर जिंदगी की तलाश में बहरीन गए थे। लेकिन किस्मत ने धोखा दिया। वहां पहुंचते ही उनके नियोक्ता का निधन हो गया और उनका पासपोर्ट भी गुम हो गया। बिना दस्तावेज के वो वहां फंसे रह गए और पेंटर का काम करते हुए किसी तरह गुजर-बसर करते रहे।

2020 में सामने आया मामला

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उनकी हालत 2020 में सामने आई, जब एक झगड़े के बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। इसके बाद दिल्ली बेस्ड NGO ‘प्रवासी लीगल सेल (PLC)’ ने उनकी मदद के लिए कदम बढ़ाया। इस संगठन में रिटायर्ड जज, वकील और पत्रकार जैसे लोग जुड़े हैं, जो विदेश में फंसे भारतीयों की मदद करते हैं। NGO ने अपने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, “ये एक ऐसी कहानी है जो दिल को छू जाती है। 42 साल तक चंद्रन एक अनजाने देश में फंसे रहे। लेकिन इंसानियत, न्याय और करुणा की वजह से आज वो वापस अपने वतन लौट आए।”

PLC की टीम ने बहरीन में भारतीय दूतावास और स्थानीय इमीग्रेशन विभाग के साथ मिलकर चंद्रन की वापसी का रास्ता साफ किया। NGO ने लिखा, “आज सुबह चंद्रन सिर्फ यादों और अपने परिवार से मिलने की उम्मीद लिए फ्लाइट में बैठे। उनके पास न कोई सामान था, न पैसे, बस अपनों से मिलने की खुशी थी।” चंद्रन के बहरीन जाने के दो साल बाद 1985 में उनके पिता का निधन हो गया था। अब जब वह लौटे हैं, तो मां के साथ उनका मिलन बेहद इमोशनल रहा।

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लौटे की है ख़ुशी लेकिन

हालांकि घर लौटने की खुशी के बीच चंद्रन का मन थोड़ा उदास भी है। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “मैं खाली हाथ लौटा हूं। मेरा टिकट भी दूतावास ने बनवाया था।” अविवाहित चंद्रन ने कहा, “भविष्य थोड़ा अंधेरा दिख रहा है और मेरी तबीयत भी ठीक नहीं रहती।” NGO ने बहरीन और भारतीय सरकार दोनों का शुक्रिया अदा किया, जिनकी मदद से चंद्रन की घर वापसी मुमकिन हो पाई।