अमेज़न के जंगलों को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों के खिलाफ यूएई ने एक बड़ी इंटरनेशनल कार्रवाई करते हुए कई लोगों को गिरफ्तार किया है। इस ऑपरेशन में 94 लोगों को गिरफ्तार किया गया, और करीब 64 मिलियन डॉलर (करीब 530 करोड़ रुपये) की संपत्ति जब्त की गई है।
ये लोग जंगलों को काटना, संरक्षित इलाकों में अवैध खनन करना और पर्यावरण से खिलवाड़ करने जैसे कामों में शामिल थे।
क्या था ये ऑपरेशन?
इस पूरी कार्रवाई का नाम था ऑपरेशन “ग्रीन शील्ड”, जिसे यूएई ने कोलंबिया, ब्राज़ील, पेरू और इक्वाडोर के साथ मिलकर चलाया। ये एक 14 दिन का बड़ा ऑपरेशन था जिसमें चारों देशों की पुलिस और एजेंसियों ने मिलकर काम किया।
यूएई के उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सैफ बिन जायद अल नाहयान ने खुद इसकी जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दी।
UAE क्यों कर रहा है यह सब?
यूएई ने पिछले साल COP28 क्लाइमेट समिट के दौरान एक पहल शुरू की थी — इसका नाम है I2LEC (Law Enforcement for Climate)। इसका मकसद है पर्यावरण की रक्षा के लिए दुनिया भर के कानून लागू करने वाले लोगों को एकजुट करना।
इसी पहल के तहत संयुक्त राष्ट्र (UNODC) और ESRI (Environmental System Research Institute) के साथ मिलकर यह ऑपरेशन किया गया।
जंगलों को बचाने की कोशिश
इस मिशन के दौरान अधिकारियों ने 350 जगहों पर रेड डाली, और उन गिरोहों को पकड़ने में सफलता पाई जो पर्यावरण से जुड़े अपराध कर रहे थे।
इनमें ऐसे लोग और ग्रुप शामिल थे जो अमेज़न के जंगलों को नाजायज़ तरीके से काट रहे थे, वहां खुदाई कर रहे थे या फिर उन जगहों पर कचरा फैला रहे थे जो पूरी दुनिया के लिए जरूरी हैं।
एक मजबूत मैसेज
इस ऑपरेशन से यूएई ने एक मजबूत संदेश दिया है — कि वो सिर्फ अपने देश की नहीं, बल्कि दुनिया की जलवायु और प्रकृति की भी रक्षा करना चाहता है।
इस तरह के काम सिर्फ सरकारों की नहीं, हम सबकी जिम्मेदारी हैं। जंगल सिर्फ ब्राज़ील या पेरू के नहीं होते — वो पूरी दुनिया की सांसों से जुड़े होते हैं।