Dubai – आप दुबई के सबसे ऊँची ईमारत बुर्ज खलीफा को तो जानते है ना लेकिन क्या आप जानते है बुर्ज खलीफा पहले किसी और नाम से जाना जाता था ,या फिर ये की ये इमारत इतनी ऊंची है कि इस इमारत की सबसे ऊंची मंजिल और सबसे नीचे वाली मंजिल के तापमान में 10 डिग्री तक का अंतर होता है आपको पता था नहीं ना तो चलिए आपको बताते है बुर्ज खलीफा से जुड़े कुछ रोचक बातें ,,,,,,,,,,,
दुनिया की सबसे बड़ी इमारत बुर्ज खलीफा विश्व के सबसे धनी शहरों में से एक दुबई में स्थित है। गगनचुंबी इस इमारत को बनाने से पहले कभी कोई सोच भी नहीं सकता था कि इतनी ऊंची इमारत बनाई भी जा सकती है। इस इमारत को बनाने में न केवल करोड़ों का खर्च आया है, बल्कि 12 हजार कारीगरों को भी प्रति दिन इसमें लगाया जाता था। बुर्ज खलीफा का निर्माण सन 2004से शुरू हुआ था तथा इसका लोकार्पण सन 2010 में हुआ था. बुर्ज खलीफा की सबसे पहली पहचान उसकी ऊंचाई है। ये दुनिया का सबसे ऊंचा टावर है, जिसकी ऊंचाई 2716.5 फीट, यानी 828 मीटर है। बुर्ज खलीफा के बाद कई देशों में ऐसी ऊंची-ऊंची इमारतों को बनाया गया था, लेकिन कोई भी अभी तक इतनी विशाल संरचना का मुकाबला नहीं कर पाया है।
बुर्ज खलीफा से जुड़ी 20 रोचक बाते
– सबसे पहले बुर्ज खलीफा की सबसे पहली पहचान उसकी ऊँचाई है | यह दुनिया का सबसे ऊंचा टावर है जिसकी ऊँचाई 2,717 feet यानी 828 meter है| यह एफिल टावर से तीन गुना ऊंचा है।
– जब यह ईमारत बन कर तैयार हुई तब इसके उद्घाटन से पहले इसे बुर्ज दुबई या खलीफा टावर के नाम से जाना जाता था।
– , बुर्ज खलीफा के नाम पर एक नही बल्कि 7 वर्ल्ड रिकार्ड्स दर्ज हैं जिनमे दुनिया की सबसे ऊंची ईमारत, सबसे ऊंची लिफ्ट, सबसे ज्यादा मंजिल जैसे
रिकार्ड्स शामिल हैं।
– बुर्ज खलीफा की बिल्डिंग ऊंची हो तो वह दूर से देखि जा सकती है लेकिन इस बिल्डिंग की अगर हम बात करें तो इसकी ऊँचाई इतनी है की यह 95 किलोमीटर से भी देखि जा सकती है।
– बुर्ज खलीफा की ऊँचाई इतनी अधिक है की यहां से सूर्य कुछ ज्यादा समय तक दिखाई देता है और सूर्यास्त बहुत देर से होता है। इसकी वजह से वहां मौजूद लोगों को रमजान के दिनों में अधिक समय तक भूखा रहना पड़ता है।
– बुर्ज खलीफा को बनाने में 100,000 हाथियों के बराबर कंक्रीट, पांच A380 हवाई जहाज के बराबर एलुमिनियम का उपयोग किया गया और कुल मिलकर 1.5 बिलियन डॉलर का खर्च आया।
– इस टावर को बनाने में 12000 मजदूरों ने दिन-रात काम किया है।
– बुर्ज खलीफा में हर दिन 946,000 लीटर पानी की जरूरत पड़ती है और एक दिन में जितनी बिजली उपयोग की जाती है उससे 100 वाट के लगभग 360,000 बल्ब एक साथ जलाये जा सकते हैं।
– इसके डिजाईन को बनाने के लिए हायमेनोकालिस नाम के फूल से प्रेरणा ली गयी है। उसी फूल की तरह इसकी डिजाईन को बनायी गयी है।
– जिस जगह पर यह ईमारत बनाई गयी है वहां पहले मिलिट्री कंपाउंड हुआ करता था जिसे “सेंट्रल मिलिट्री कंपाउंड” कहा जाता था।
– बुर्ज खलीफा के चारों तरफ झील फैला हुआ है जो की उसकी खूबसूरती को कई गुना बढ़ा देता है।
– इस बिल्डिंग पर जमीन से लगभग 210 मीटर की ऊँचाई पर हेलीकाप्टर के उतरने के लिए एक हेलिपैड भी बनाया गया है।
– इस ईमारत में एक आलीशान स्विमिंग पूल और रेस्टोरंट का भी निर्माण किया गया है। यह स्विमिंग पूल दुनिया का दूसरा सबसे ऊँचा स्थान पे बना हुआ स्विमिंग पुल है जो की बुर्ज खलीफा के 76वें मंजिल पर स्थित है।
– बुर्ज खलीफा के अन्दर एक समय में लगभग 35,000 लोगों के रहने के लिए व्यवस्था होती है।
– बुर्ज खलीफा के सबसे ऊपरी मंजिल का तापमान ग्राउंड लेवल से 6 डिग्री कम होता है।
– बुर्ज खलीफा को बनाने के लिए ज्यादातर एल्युमीनियम और कंक्रीट का उपयोग किया गया है।इसके लिए पांच A380 एयरक्राफ्ट के वजन के बराबर एलुमिनियम और 100000 हाथियों के वजन के बराबर कंक्रीट का उपयोग किया गया है।
– बुर्ज खलीफा की लिफ्ट 65 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है . जिससे बिल्डिंग टॉप पर सिर्फ दो
– बुर्ज खलीफा का ऊपर का स्ट्रक्चर लगभग 6 फ़ीट तक मूव कर सकता है
– बिल्डिंग का लाइटनिंग अरेस्टर पुरे बिल्डिंग से साथ दुबई को भी ठनके से बचता है।