न्यूज़ डेस्क: जयपुर में लड़कियों की तस्करी का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहाँ रविवार सुबह 4 बजे जयपुर एयरपोर्ट पर दो नेपाली लड़कियों को रेस्क्यू किया गया. पता चला की दोनों लड़कियों को जबरदस्ती दुबई ले जाया जा रहा था। दोनों को नेपाल से दिल्ली में नौकरी दिलाने का झांसा देकर लाया गया था। मगर दिल्ली एयरपोर्ट पर सख्त नियम के चलते उसे जयपुर लाया गया और वहां से दुबई ले जाने के फिराक में थे ! लेकिन मामले की जानकारी लगते ही पुलिस एक्टिव हुई और रोक लिया गया।
एयरपोर्ट थानाधिकारी दिगपाल ने बताया कि मानव तस्करी पर काम कर रहे एनजीओ मिशन मुक्ति फाउंडेशन के वीरेंद्र सिंह को इसकी सूचना मिली थी. उसने शनिवार रात 11 बजे नेपाली लड़कियों को जबरन दुबई भेजे जाने की जानकारी DCP ईस्ट राजीव पचार को दी. फिर डीसीपी ने इसे गंभीरता से लेते हुए एयरपोर्ट थाना पुलिस को कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
मुस्तैदी दिखाते हुए दोनों बच्चियों को छुड़ा लिया। हालांकि इस दौरान पुलिस को वहां कोई अन्य व्यक्ति नहीं मिला। दोनों महिलाओं को हिंदी भाषा नहीं आती है। वह सिर्फ नेपाली भाषा में बात कर रही हैं। ऐसे में पुलिस अधिकारियों को उनकी बातें समझ नहीं आ रही हैं। फिलहाल उन्हें आदर्श नगर स्थित सेवा सदन में रखा गया है जहां दोनों बच्चियों की काउंसलिंग की जा रही है और पुलिस ने नेपाल एंबेसी को उनके बारे में जानकारी भी दे दी हैं।
दोनों महिलाओं में एक की उम्र 24 और एक की 34 साल है। दोनों महिलाओं की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इमिग्रेशन टीम, जयपुर पुलिस और नेपाल एंबेसी से बात कराई गई। इस दौरान महिला तस्करी का मामला सामने आया। उन्होंने बताया कि वे नेपाल में रहने वाली एक महिला को जानती है। उसने उन्हें अच्छी नौकरी दिलाने की बात कही थी। जिसके बाद उसने उसे दिल्ली भेज दिया।
नौकरी के लिए दिल्ली पहुंची इन लड़कियों को यहां आकर पता चला कि उन्हें दुबई भेजा जा रहा है। इसके बाद दोनों ने अपने परिवार से संपर्क करने की कोशिश की. मगर कॉल काम नहीं किया। ये लड़कियां जयपुर पहुंचकर एक होटल में रुकी थीं। वहां से वाई-फाई कनेक्ट करने पर इन युवतियों ने फोन कर अपने परिजनों को सूचना दी।
एक लड़की के भाई एसएसबी में कार्यरत एक इंस्पेक्टर को मामले की सूचना दी। जिसके बाद उन्होंने यह सूचना NGO मिशन मुक्ति फाउंडेशन को दी। एनजीओ ने जयपुर पुलिस, इमीग्रेशन टीम और नेपाल एंबेसी की मदद से दोनों महिलाओं को रेस्क्यू किया। रेस्क्यू हुई लड़कियों ने काउंसलिंग में बताया कि नेपाल से आने के बाद उन्हें दिल्ली के एक होटल में रखा गया था।
वहां, वे सात दिन रहीं, उनके साथ 12 नेपाली लड़कियां और थी। उन्हें भी हिंदी भाषा नहीं आती थी, वह सिर्फ नेपाली भाषा में ही बात कर रहीं थीं। उन लड़कियों को भी नौकरी दिलाने की बात कहकर दिल्ली लाया गया था। उनके पासपोर्ट बनवाए जा रहे थे। दोनों लड़कियों से मिली जानकारी के बाद दिल्ली और जयपुर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं, तस्करी करवा रही महिला के बारे में नेपाल एंबेसी जानकारी जुटा रही है।
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