नीतीश कुमार की पार्टी में बंटवारा, उपेंद्र कुशवाहा का बड़ा प्लान

Party JDU : उपेंद्र कुशवाहा पटना में पार्टी नेताओं की बैठक बुलाकर अपने लिए समर्थन जुटाने की कवायद में जुट गए हैं। यह नीतीश कुमार के लिए चिंता की बात हो सकती है. क्या है प्लान उपेंद्र कुशवाहा का चलिए जानते हैं. जेडीयू में मची खींचतान के बीच सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा बीते 2 महीनों से लगातार बयान दे रहे हैं। वो कई बार आए-गए फिर भी सम्मान दिया। अब खुद निर्णय लें कि उन्हें क्या करना।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा आर-पार के मूड में नजर आ रहे हैं।कुशवाहा ने अब अपने समर्थन में पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को एकजुट करना शुरू कर दिया है। वे 19 और 20 फरवरी को पटना में शक्ति प्रदर्शन करने जा रहे हैं। उन्होंने नीतीश कुमार के महागठबंधन में जाने से नाराज जेडीयू नेताओं और कार्यकर्ताओं को पटना बुलाया है। जेडीयू में जारी घमासान के बीच अब पार्टी में दो फाड़ होने के कयास लगाए जा रहे हैं.  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ये बात साफ़ कह चुके हैं कि उपेंद्र कुशवाहा को जो मर्जी है वो करें, जहां जाना है जाएं.

दूसरी ओर, कुशवाहा भी इस बात पर अड़े हुए हैं कि वे अपना हिस्सा लिए बिना पार्टी से नहीं जाने वाले हैं. हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब कुशवाहा से पूछा गया कि वे किस हिस्से की बात कर रहे हैं, तो उन्होंने 22 साल पहले की एक घटना याद दिला दी. उन्होंने कहा कि वे वही हिस्सा मांग रहे हैं, जो पटना के गांधी मैदान में 12 फरवरी 1994 को नीतीश कुमार ने लालू यादव से मांगा था. वहीँ इन सब के बीच नीतीश कुमार ने बीजेपी पर निशाना साधा है और बीजेपी को दोषी बताते हुए उन्होने कहा कि अगर कोई किसी का प्रचार इस तरह कर रहा है, तो समझ जाइए खेल कहां से खेला जा रहा है.

उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि पार्टी में ऐसा संविधान बनाया गया जिसमें संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष केवल नाम का पद है। इस पद को देकर मुझे झुनझुना थमा दिया गया। जेडीयू में उनके समाज (कुशवाहा) को उचित सम्मान नहीं मिल पा रहा है. मुझे Parliament बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया, लेकिन मुझे अधिकार नहीं दिया गया, वो इस बात से भी बेहद नाराज है कि नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है.

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